धन प्राप्ति के लिए इस दिवाली अपनाएँ महावास्तु के विशेष उपाय
पूरे भारतवर्ष में कार्तिक मास की अमावास्या को दीपावली का त्योंहार मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 31 अक्तूबर 2024 को मनाया जा रहा है।
क्यों मनाई जाती है दीपावली ?
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु धनतेरस के दिन समुंद मंथन से अवतरित माँ लक्ष्मी को अपने साथ लेकर बैकुंठ लोक लौटे थे। उत्तर भारत में दीपावली का त्यौहार भगवान राम का लंकापति रावण के ऊपर विजय प्राप्त कर 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की ख़ुशी में मनाया जाता है। वहीं दक्षिण भारत में दीपावली का त्यौहार भगवान कृष्ण की राक्षस नरकासुर पर विजयोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
दीपावली का वास्तविक अर्थ क्या है ?
दीपावली का मूल अर्थ है; दियों की लाइन अ रो ऑफ लेम्प। और अमावस की काली रात अमावस का अर्थ है, वो इग्नोरेंस जो मेरे जहन में छाई हुई है, जो मुझे आगे नहीं बढ़ने दे रही है, जो आप कहते हो ना मुझे कुछ सुझाई नहीं दे रहा कि मैं क्या करूं। उस अंधकार में एक दिया जलाना है, उसको रोशन करना है, और वो सिर्फ एक ही दिया नहीं जलाना एक ही दिया नहीं जलाना है, वो दिया एक दिए से दूसरा दिया जलाना है, दूसरे से तीसरा दिया जलाना है, तीसरे से चौथा दिया जलाना है, और वो दिया है वो रोशनी है ज्ञान की।
कैसे हो माँ लक्ष्मी का प्रवेश ?
इस दीपावली पर आप छोटी छोटी फुलझडियां जरूर जलाएँ और उस समय भाव लाएँ कि मेरे भीतर की जितनी भी ग्रंथियां थी, जितनी भी निगेटिव थॉट्स थे, सभी को मैं स्वाहा कर रहा हूं। और उन सभी को मैं आज के बाद छोड़ता हूं, आज के बाद मैं जीवन की बड़ी पिक्चर देखूँगा। आज के बाद मैं अपने साथ जितने लोग है उनको रोशन करके चलूंगा। मैं इस अमावस्या की काली रात को रोशन करूंगा। अमावस्या की काली रात और कुछ नहीं है, आपके अपने दुख है, आपकी अपनी समस्याएं है, और वो तभी दूर होगी जब आप ढेर सारे दिए जला दोगे। जब अपनी छोटी-छोटी अपनी संकीर्ण मानसिकताओं से मुक्ति पा जाते हो तो लक्ष्मी का प्रवेश आपके यहां हो जाता है यही लक्ष्मी की सिद्धि है। फिर हम लोग पूजन करते है अलग- अलग दिशाओं में।
दीपावली पूजन का समय, स्थान व दिशा
पूजन समयः सायं 06:30 बजे से 07:00 बजे तक।
पूजन करने का स्थानः दक्षिण-पूर्व या पश्चिम दिशा में, पश्चिम की तरफ मुख करके बैठें।
संपन्नता एवं समृद्धि के लिए करें प्रभावी महावास्तु उपाय
महावास्तु उपाय | दिशा | उपायों के प्रभाव |
उल्लू | उत्तर | धन अर्जित करने व व्यापार में लाभ एवं विस्तार के लिए। |
शंख | उत्तर | नए प्रॉडक्ट लॉन्च एवं एक्सपोर्ट में लाभ के लिए। |
कामधेनु | पूर्व-दक्षिण-पूर्व | इच्छाओं में पूर्ति एवं काम करने में तेजी के लिए। |
त्रिशूल | उत्तर-पूर्व | त्रिदोषों को संतुलित करने एवं सार्थक विचारों के लिए। |
- उत्तर-पूर्व: लाल व पीला रंग हटा कर हल्का नीला या सफ़ेद रंग करें।
- दक्षिण-पूर्व: नीला व काला रंग हटा कर हरा या लाल रंग करें।
- दक्षिण-पश्चिम: लाल व हरा रंग (पौधे भी) हटा कर ऑफ-व्हाइट या क्रीम रंग करें।
- पश्चिम: लाल व हरा रंग (पौधे भी) हटा कर ऑफ-व्हाइट या क्रीम रंग करें।
इस दीपावली घर में धन, सुख, सेहत सुनुश्चित करने के लिए दिए गए प्रभावी महावास्तु उपाय स्वयं भी करें व अपने रिश्तेदारों, मित्रों व स्नेहीजनों के साथ भी साझा करें।
बुद्धि के देव गणेश जी व सम्पन्नता की देवी महालक्ष्मी आपको धन, सुख, यश व सेहत प्रदान करें।